वर्षा ऋतु में बढ़ता है सर्पदंश का खतरा, स्वास्थ्य विभाग ने किया सतर्क रहने का आग्रह

रायपुर। वर्षा ऋतु की शुरुआत के साथ ही वातावरण में नमी और उमस का स्तर तेजी से बढ़ जाता है, जिससे सांप और बिच्छू जैसे विषैले जीव अपने बिलों से निकलकर मानव बस्तियों की ओर रुख करने लगते हैं। इसका कारण है बारिश का पानी जो उनके प्राकृतिक आवासों में भर जाता है। ऐसे में ये जीव भोजन और शरण की तलाश में घरों तक पहुंच जाते हैं। इस मौसम में सर्पदंश की घटनाओं में वृद्धि आम बात हो जाती है।

अंधविश्वास से बचें, समय पर उपचार लें

छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि झाड़-फूंक और ओझा-गुनी के चक्कर में न पड़ें। यह अंधविश्वास केवल समय की बर्बादी करता है और कई मामलों में इससे व्यक्ति की जान भी जा सकती है।

विभाग का कहना है कि विषैले सर्प के काटने का एकमात्र प्रभावी उपचार “एंटीवेनम इंजेक्शन” है, जो सभी सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क उपलब्ध है। झाड़-फूंक या किसी देसी उपाय से विष का असर खत्म नहीं होता, बल्कि समय गंवाने से विष शरीर में फैल जाता है, जिससे रोगी की हालत गंभीर हो जाती है।

🏥 सर्पदंश की स्थिति में क्या करें? (डॉक्टरों की सलाह):

✅ रोगी को शांत रखें और घबराने न दें
✅ हृदय गति बढ़ने से विष तेजी से फैलता है, इसलिए आराम से रखें
✅ काटे गए अंग को हिलाएं नहीं और उस पर कोई कसाव न बांधें
✅ कोई घरेलू उपचार न करें – सीधे नजदीकी अस्पताल पहुँचें
✅ सरकारी अस्पतालों में एंटीवेनम का इलाज निःशुल्क उपलब्ध है

सावधानी और बचाव के उपाय (स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन):

अंधेरे स्थानों पर टॉर्च लेकर जाएं

हमेशा जूते पहनें, विशेषकर खेत या झाड़ी वाले इलाके में

घर के आसपास साफ-सफाई बनाए रखें

कमरे में धान, अनाज या खाना न रखें जिससे चूहे न आएं

चूहे सांपों के भोजन होते हैं, इसलिए चूहों की मौजूदगी सांपों को आकर्षित कर सकती है

📢 सरकार का संदेश:

आपकी सतर्कता और समय पर इलाज से ही जीवन की रक्षा संभव है। झाड़-फूंक नहीं, वैज्ञानिक चिकित्सा अपनाएं।”

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