रायपुर | डिजिटलसीजी.इन विशेष रिपोर्ट
प्रदेश के किसानों के लिए आज का दिन ऐतिहासिक बन गया है। केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की सीमा को 70 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 78 लाख मीट्रिक टन करने की स्वीकृति प्रदान की है। यह निर्णय प्रदेश के लाखों अन्नदाताओं के परिश्रम को सम्मान देने वाला और उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने वाला है।
✅ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जताया आभार
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी का आभार जताया है।
उन्होंने इसे “डबल इंजन सरकार” की प्रतिबद्धता का जीवंत प्रमाण बताया जिसमें किसान कल्याण सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर कहा:
“केंद्र सरकार द्वारा 8 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त धान खरीदने की स्वीकृति हमारे किसानों के परिश्रम को मान्यता देने वाला कदम है। यह छत्तीसगढ़ की कृषि अर्थव्यवस्था को नई मजबूती देगा।”
🔍 किसानों को मिलेंगे कई लाभ:
8 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त धान की खरीदी
आय में वृद्धि और रोजगार के अवसरों में इजाफा
खरीदी प्रक्रिया के लिए ठोस रणनीति और पारदर्शी व्यवस्था
समय पर भुगतान और बेहतर समर्थन मूल्य सुनिश्चित
केंद्र और राज्य के बीच बेहतर समन्वय
📈 सरकार की रणनीति और तैयारी
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि राज्य सरकार खरीदी प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगठित बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है। किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए सभी ज़िलों में प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है।
उन्होंने कहा:
“किसानों की समृद्धि और सम्मान हमारी सरकार की मुख्य प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के अन्नदाता नई ऊँचाइयों की ओर अग्रसर होंगे।”
📌 निष्कर्ष:
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी सीमा में यह वृद्धि न केवल कृषि उत्पादन को बढ़ावा देगी बल्कि राज्य की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को भी गति प्रदान करेगी। किसानों के लिए यह निर्णय आत्मविश्वास बढ़ाने वाला है और यह साबित करता है कि केंद्र और राज्य दोनों सरकारें किसानों के हित में एकजुट होकर कार्य कर रही हैं।