जशप्योर ब्रांड को मिली राष्ट्रीय पहचान, जशपुर की आदिवासी महिलाओं के उत्पाद अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में होंगे उपलब्ध

जशपुर, छत्तीसगढ़।
छत्तीसगढ़ के दूरस्थ आदिवासी अंचल जशपुर से निकला महिला शक्ति आधारित जशप्योर ब्रांड अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी पहचान बनाने जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल अभियान को आत्मसात करते हुए जशप्योर ब्रांड का ट्रेडमार्क अब उद्योग विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा। यह निर्णय इस स्वदेशी ब्रांड के लिए एक ऐतिहासिक और निर्णायक कदम है।

जशप्योर: परंपरा से प्रगति की ओर

जशप्योर केवल एक ब्रांड नहीं, बल्कि आदिवासी महिलाओं के आत्मनिर्भरता और मेहनत की कहानी है। इस ब्रांड के उत्पाद पूरी तरह से प्राकृतिक, रसायनमुक्त और पोषणयुक्त होते हैं, जिनमें किसी प्रकार के प्रिज़र्वेटिव, रंग या कृत्रिम स्वाद नहीं मिलाया जाता।

यहाँ पर महिलाएं महुआ, कोदो, कुटकी, रागी जैसी वनोपजों से महुआ नेक्टर, रागी लड्डू, महुआ कुकीज़, वन्यप्राश, पास्ता, और ढेकी कूटा चावल जैसे उत्पाद तैयार करती हैं।

महिला सशक्तिकरण की मिसाल

इस ब्रांड से 90% से अधिक आदिवासी महिलाएं जुड़ी हुई हैं, जो उत्पादन से लेकर पैकेजिंग तक सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। जशप्योर ने उन्हें आर्थिक मजबूती, सामाजिक पहचान और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने का अवसर दिया है।

लोकल टू ग्लोबल की दिशा में बड़ी छलांग

वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 में जशप्योर को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली।

रेयर प्लेनेट के साथ हुए समझौते से अब जशप्योर के उत्पाद देश के प्रमुख एयरपोर्ट स्टोर्स में उपलब्ध होंगे।

स्वास्थ्यवर्धक जीवनशैली अपनाने वाले उपभोक्ताओं में जशप्योर की मांग तेजी से बढ़ रही है।

व्यावसायिक विस्तार की तैयारी

जशप्योर ब्रांड का ट्रेडमार्क अब उद्योग विभाग के पास रहेगा, जिससे:

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मार्केटिंग को बढ़ावा मिलेगा।

उन्नत मशीनों से उत्पादन क्षमता बढ़ेगी।

नई महिला इकाइयों को रोजगार मिलेगा।

आदिवासी उत्पादों की पहचान वैश्विक स्तर पर बनेगी।

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