रायपुर, 19 जुलाई | डिजिटलCG ब्यूरो
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने टेक्नोलॉजी की दुनिया के दो दिग्गजों—गूगल और मेटा—को अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स को प्रमोट करने के आरोप में नोटिस जारी किया है। इन कंपनियों को 21 जुलाई को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
ईडी का कहना है कि इन डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने ऐसे ऐप्स को विज्ञापन में प्रमुख स्थान दिए जिससे अवैध सट्टेबाजी गतिविधियों को बढ़ावा मिला। यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला कारोबार जैसे गंभीर आर्थिक अपराधों से जुड़ा है।
👉 कैसे हुआ खुलासा?
ईडी लंबे समय से ऑनलाइन सट्टेबाजी के नेटवर्क की जांच कर रहा है। कई ऐप्स खुद को “स्किल बेस्ड गेम्स” बताते हैं लेकिन असल में ये सट्टा बाजार को प्रमोट कर रहे हैं। इन ऐप्स से करोड़ों रुपए की काली कमाई हुई जिसे हवाला चैनलों के जरिए छिपाया गया।
गूगल और मेटा पर आरोप है कि इनके प्लेटफॉर्म्स ने इन ऐप्स के विज्ञापन को प्रमुखता से दिखाया जिससे इनकी लोकप्रियता और यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ी।
🎭 साउथ की बड़ी हस्तियों पर भी जांच
ईडी की जांच में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की कई मशहूर हस्तियों के नाम सामने आए हैं:
विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती, प्रकाश राज
अभिनेत्रियाँ: निधि अग्रवाल, प्रणिता सुभाष, मंचू लक्ष्मी, अनन्या नगेला
टीवी कलाकार और इंफ्लुएंसर: श्रीमुखी, श्यामला, वर्षिणी सौंदर्यराजन, नेहा पठान, हर्षा साय आदि
इन सभी पर जंगली रम्मी, ए23, जीतविन, परिमैच और लोटस365 जैसे सट्टा ऐप्स का प्रचार करने का आरोप है।
⚖️ किस कानून के तहत हो रही है कार्रवाई?
यह मामला 1867 के पब्लिक गैम्बलिंग एक्ट और प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत चल रहा है।
मार्च 2025 में साइबराबाद पुलिस ने भी कुछ हस्तियों पर एफआईआर दर्ज की थी।
हालांकि, आरोपितों ने सफाई दी है कि वे किसी अवैध ऐप का प्रचार नहीं कर रहे थे।