मनरेगा ने बदली तस्वीर: दंतेवाड़ा के दारापाल गांव में कंटूर ट्रेंच से जल-संरक्षण और कृषि भूमि को नया जीवन

📍 भैरमगढ़ (दंतेवाड़ा), छत्तीसगढ़ 

छत्तीसगढ़ के सुदूर अंचलों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) ने केवल रोजगार के अवसर ही नहीं, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और स्थायी ग्रामीण विकास का मार्ग भी प्रशस्त किया है।
इसी क्रम में विकासखंड भैरमगढ़ से लगभग 15 किलोमीटर दूर, जिला दंतेवाड़ा की सीमा से लगे ग्राम पंचायत दारापाल में एक उल्लेखनीय कार्य संपन्न हुआ है — जहां 300 नग कंटूर ट्रेंच बनाकर जल-संरक्षण और भूमि रक्षा की मिसाल पेश की गई है।

🌧️ समस्या: वर्षा जल से नुकसान हो रही थी उपजाऊ भूमि

दारापाल की कच्चा घाटी तीव्र ढलान वाली है, जहां वर्षों से वर्षा जल के तेज बहाव से खेती योग्य भूमि का कटाव हो रहा था। खेतों में झाड़ियाँ, कचरा और बहता हुआ पानी फसलों को बर्बाद कर देता था। इससे न केवल भूमि की उर्वरता घट रही थी, बल्कि किसानों को साल दर साल नुकसान उठाना पड़ रहा था।

🛠️ समाधान: मनरेगा के तहत कंटूर ट्रेंच का निर्माण

इस दीर्घकालीन समस्या के समाधान के लिए महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत कंटूर ट्रेंच निर्माण को प्राथमिकता से क्रियान्वित किया गया।
इस कार्य में कुल 300 नग ट्रेंच बनाए गए, जिससे वर्षा जल का बहाव धीमा हुआ, भूमि में नमी बनी रहने लगी और आसपास के क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से पेड़-पौधों का विकास भी संभव हो सका।

🌾 150 एकड़ खेतों को मिला प्रत्यक्ष लाभ

घाटी के ठीक नीचे स्थित 25 कृषकों की लगभग 150 एकड़ भूमि को इससे प्रत्यक्ष लाभ हुआ है।
विशेष रूप से ग्राम निवासी राजकुमार कश्यप, जिनकी 7 एकड़ ज़मीन घाटी के नीचे है, बताते हैं कि –

“पहले हर बारिश में झाड़ियाँ और पानी खेत में बहकर फसल को नष्ट कर देते थे, अब कंटूर ट्रेंच से यह सब रुक गया है।”

💧 सिंचाई के लिए तालाब का निर्माण भी

इसके अतिरिक्त घाटी के निचले हिस्से में एक तालाब का निर्माण भी किया गया है, जिससे कंटूर ट्रेंच से आने वाले पानी को संग्रहित किया जा सके और उसे सिंचाई के लिए उपयोग किया जा सके।

👷‍♀️ रोजगार सृजन और लागत

इस कार्य से 1929 मानव दिवस का सृजन हुआ, जिससे स्थानीय ग्रामीणों को वास्तविक रोजगार प्राप्त हुआ।
👉 कुल लागत: ₹4,68,000
👉 श्रमिकों को समय पर मजदूरी भुगतान

ग्राम पंचायत दारापाल की तकनीकी सहायक के अनुसार, यह कार्य कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।

✅ परिणाम:

 भूमि कटाव पर नियंत्रण, जल संरक्षण में सुधार, खेती योग्य भूमि की रक्षा, पर्यावरण संरक्षण, ग्रामीणों को रोज़गार

🔚 निष्कर्ष:

ग्राम दारापाल में मनरेगा योजना के माध्यम से किया गया यह प्रयास न केवल स्थायी विकास का आदर्श उदाहरण है, बल्कि यह दर्शाता है कि योजनाओं का सही क्रियान्वयन ग्रामीण भारत की तस्वीर बदल सकता है।
DigitalCG.in इस सफलता की कहानी को सलाम करता है

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