रायपुर।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी और स्वयंभू तांत्रिक केके श्रीवास्तव की पुलिस रिमांड सोमवार को समाप्त हो गई है। इसके बाद कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस के अनुसार, श्रीवास्तव से पूछताछ में धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और नेताओं से गहरे संबंधों से जुड़े कई अहम खुलासे हुए हैं।
300 करोड़ की ठगी, म्यूल अकाउंट्स के जरिए देशभर में फैला नेटवर्क:
पुलिस के मुताबिक केके श्रीवास्तव ने रिमांड के दौरान म्यूल बैंक खातों का इस्तेमाल कर देशभर में करोड़ों रुपये की ठगी करना कबूल किया। जांच में उसके खातों में 300 करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन उजागर हुआ है। ये खाते ईडब्ल्यूएस (गरीब वर्ग) के नाम पर खोले गए थे।
स्टील इंडस्ट्री में निवेश और VIP नेताओं तक कैश पहुंचाने का दावा:
ठगी के पैसों से स्टील इंडस्ट्री और ट्रांसपोर्ट कारोबार में निवेश
कथित रूप से राजनीतिक हस्तियों तक नकदी पहुंचाई, हालांकि दस्तावेजी प्रमाण अब तक नहीं मिले
एनआरडीए और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में ठेका दिलाने का झांसा देकर 15 करोड़ की ठगी
केस का कानूनी पक्ष और गिरफ्तारी:
पुलिस ने 12 दिन की रिमांड के बाद फिर से रिमांड की मांग नहीं की
आरोपी केके श्रीवास्तव और उसका बेटा कंचन भी ठगी में शामिल
गिरफ्तार भोपाल के होटल से, नेपाल और अन्य राज्यों में फरारी के दौरान महंगे iPhone तोड़े ताकि लोकेशन ट्रैक न हो
बड़ी रकम का ट्रांजैक्शन, हवाला और काला धन सफेद करने का नेटवर्क:
सिर्फ 7 दिन में 20 करोड़ रुपये का ट्रांसफर
दिल्ली, एमपी, छत्तीसगढ़ में ब्लैक मनी को व्हाइट करने की गतिविधियाँ
कंपनियाँ जैसे NS Enterprises, RH International, Suhana Enterprises आदि के माध्यम से धन की आवाजाही
राजनीतिक पहुँच और पुराने विवाद:
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री निवास तक सीधी पहुँच
1995 में MP शासनकाल में सीईओ पद से निलंबित, जमीन दलाली और ट्रांसपोर्ट कारोबार शुरू किया
कोयला घोटाले के आरोपित सूर्यकांत तिवारी से करीबी
सारांश:
केके श्रीवास्तव का केस केवल एक धोखाधड़ी नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की राजनीति, नौकरशाही और अपराध की गहराई से जुड़े गठजोड़ को उजागर करता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस केस में और किन-किन रसूखदार चेहरों के नाम सामने आते हैं।