कवर्धा | जिला कलेक्टर गोपाल वर्मा ने बुधवार सुबह जिले के प्रमुख कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान जिला पंचायत, जिला अस्पताल, और करपात्री स्कूल में समय पालन और अनुशासन की स्थिति की समीक्षा की गई। निरीक्षण के दौरान कई कर्मचारी निर्धारित समय पर उपस्थित नहीं पाए गए, जिस पर कलेक्टर ने कड़ी नाराजगी जताई और संबंधितों को शोकॉज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
जिला पंचायत कार्यालय में 42 कर्मचारी समय पर नहीं पहुंचे
कलेक्टर वर्मा ने सबसे पहले जिला पंचायत कार्यालय का निरीक्षण किया। उपस्थिति रजिस्टर की जांच में पता चला कि 42 कर्मचारी कार्यालय देर से पहुंचे हैं। उन्होंने संबंधितों के नाम के सामने टिप्पणी अंकित की और सभी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। कुछ कर्मचारियों ने सार्वजनिक रूप से गलती मानी और कान पकड़कर माफी मांगी।
जिला अस्पताल में भी दिखी लापरवाही
इसके बाद कलेक्टर जिला अस्पताल पहुंचे, जहां चिकित्सक, स्टाफ नर्स और अन्य कर्मचारियों की उपस्थिति की जांच की गई। यहां भी कई कर्मचारी समय पर ड्यूटी पर नहीं मिले। कलेक्टर ने सख्ती दिखाते हुए अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिया कि ड्यूटी में तैनात डॉक्टरों की शिफ्टवार सूची, नाम और मोबाइल नंबर एक बोर्ड पर प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाए।
स्कूल में भी हुआ निरीक्षण
निरीक्षण के अगले चरण में कलेक्टर ने करपात्री स्कूल का दौरा किया। उन्होंने शिक्षकों की उपस्थिति और समयपालन की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि शिक्षा जैसे संवेदनशील विभाग में अनुशासन सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। कलेक्टर ने समय की अनदेखी करने वाले शिक्षकों पर भी कार्रवाई के संकेत दिए।
समय की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं
कलेक्टर वर्मा ने साफ शब्दों में कहा कि “जनसेवा से जुड़े संस्थानों में लापरवाही अब सहन नहीं की जाएगी। सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्धारित समय पर कार्यालय पहुंचना अनिवार्य है। शासन की मंशा है कि जनता को समय पर और गुणवत्ता पूर्ण सेवाएं प्राप्त हों।”
उन्होंने कहा कि आगे भी ऐसे औचक निरीक्षण जारी रहेंगे और अनुशासनहीनता पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।